Monday 28 May 2018

Music Is ''Haraam''


ﻣﻮﺳﯿﻘﯽ ﮐﯽ ﺁﻭﺍﺯ ﺳﮯ ﺑﭽﻨﺎ ﻭﺍﺟﺐ ﮨﮯ

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ﺣﻀﺮﺕ ﺳﯿﺪﻧﺎ ﻋﻼﻣﮧ ﺷﺎﻣﯽ ﺭﺣﻤﺘﮧ ﺍﷲ ﻋﻠﯿﮧ ﻓﺮﻣﺎﺗﮯ ﮨﯿﮟ ‏( ﻟﭽﮑﮯ ﺗﻮﮌﮮ
ﮐﮯ ﺳﺎﺗﮫ ‏) ﻧﺎﭼﻨﺎ، ﻣﺬﺍﻕ ﺍﮌﺍﻧﺎ، ﺗﺎﻟﯽ ﺑﺠﺎﻧﺎ، ﺳﺘﺎﺭ ﮐﮯ ﺗﺎﺭ ﺑﺠﺎﻧﺎ، ﺑﺮﺑﻂ،
ﺳﺎﺭﻧﮕﯽ، ﺑﺎﻧﺴﺮﯼ، ﻗﺎﻧﻮﻥ، ﺟﮭﺎﻧﺠﻦ، ﺑﮕﻞ ﺑﺠﺎﻧﺎ ﻣﮑﺮﻭﮦ ﺗﺤﺮﯾﻤﯽ ‏( ﯾﻌﻨﯽ
ﻗﺮﯾﺐ ﺑﮧ ﺣﺮﺍﻡ ‏) ﮨﮯ ﮐﯿﻮﻧﮑﮧ ﯾﮧ ﺳﺐ ﮐﻔﺎﺭ ﮐﮯ ﺷﻌﺎﺭ ﮨﯿﮟ۔ ﻧﯿﺰ ﺑﺎﻧﺴﺮﯼ
ﺍﻭﺭ ﺩﯾﮕﺮ ﺳﺎﺯﻭﮞ ﮐﺎ ﺳﻨﻨﺎ ﺑﮭﯽ ﺣﺮﺍﻡ ﮨﮯ ﺍﮔﺮ ﺍﭼﺎﻧﮏ ﺳﻦ ﻟﯿﺎ ﺗﻮ ﻣﻌﺬﻭﺭ
ﮨﮯ ﺍﻭﺭ ﺍﺱ ﭘﺮ ﻭﺍﺟﺐ ﮨﮯ ﮐﮧ ﻧﮧ ﺳﻨﻨﮯ ﮐﯽ ﮐﻮﺷﺶ ﮐﺮﮮ ‏( ﺭﺩﺍﻟﻤﺤﺘﺎﺭ،
ﺟﻠﺪ 9، ﺹ 651 ‏)
ﺍﺱ ﺳﮯ ﻣﻌﻠﻮﻡ ﮨﻮﺍ ﮐﮧ ﺟﻮﮞ ﮨﯽ ﻣﻮﺳﯿﻘﯽ ﮐﯽ ﺁﻭﺍﺯ ﺁﺋﮯ ﺗﻮ ﻣﻤﮑﻨﮧ
ﺻﻮﺭﺕ ﻣﯿﮟ ﻓﻮﺭﺍ ﮐﺎﻧﻮﮞ ﻣﯿﮟ ﺍﻧﮕﻠﯿﺎﮞ ﮈﺍﻝ ﮐﺮ ﻭﮨﺎﮞ ﺳﮯ ﮨﭧ ﺟﺎﻧﺎ ﭼﺎﮨﺌﮯ۔
ﺍﮔﺮ ﺍﻧﮕﻠﯿﺎﮞ ﺗﻮ ﮐﺎﻧﻮﮞ ﻣﯿﮟ ﮈﺍﻝ ﺩﯾﮟ، ﻣﮕﺮ ﻭﮨﯿﮟ ﮐﮭﮍﮮ ﯾﺎ ﺑﯿﭩﮭﮯ ﺭﮨﮯ،
ﯾﺎ ﻣﻌﻤﻮﻟﯽ ﺳﺎ ﭘﺮﮮ ﮨﭧ ﮔﺌﮯ ﺗﻮ ﻣﻮﺳﯿﻘﯽ ﮐﯽ ﺁﻭﺍﺯ ﺳﮯ ﺑﭻ ﻧﮧ ﺳﮑﯿﮟ
ﮔﮯ۔ ﺍﻧﮕﻠﯿﺎﮞ ﮐﺎﻧﻮﮞ ﻣﯿﮟ ﮈﺍﻝ ﮐﺮ ﻧﮧ ﺳﮩﯽ ﻣﮕﺮ ﮐﺴﯽ ﻃﺮﺡ ﺑﮭﯽ
ﻣﻮﺳﯿﻘﯽ ﮐﯽ ﺁﻭﺍﺯ ﺳﮯ ﺑﭽﻨﮯ ﮐﯽ ﺑﮭﺮﭘﻮﺭ ﮐﻮﺷﺶ ﮐﺮﻧﺎ ﻭﺍﺟﺐ ﮨﮯ۔ ﺍﮔﺮ
ﮐﻮﺷﺶ ﻧﮩﯿﮟ ﮐﺮﯾﮟ ﮔﮯ ﺗﻮ ﺗﺮﮎ ﻭﺍﺟﺐ ﮐﺎ ﮔﻨﺎﮦ ﮨﻮﮔﺎ۔
ﻣﮕﺮ ﺍﻓﺴﻮﺱ ﺻﺪ ﮐﺮﻭﮌ ﺍﻓﺴﻮﺱ ! ﺍﺏ ﺗﻮ ﺳﯿﺎﺭﻭﮞ، ﻃﯿﺎﺭﻭﮞ، ﻣﮑﺎﻧﻮﮞ،
ﺩﮐﺎﻧﻮﮞ، ﮨﻮﭨﻠﻮﮞ، ﭼﻮﺭﺍﮨﻮﮞ ﺍﻭﺭ ﮔﻠﯿﻮﮞ، ﺑﺎﺯﺍﺭﻭﮞ ﻣﯿﮟ ﺟﺲ ﻃﺮﻑ ﺑﮭﯽ
ﺟﺎﯾﺌﮯ ﻣﻮﺳﯿﻘﯽ ﮐﯽ ﺩﮬﻨﯿﮟ ﺳﻨﺎﺋﯽ ﺩﯾﺘﯽ ﮨﯿﮟ۔ ﮔﺎﻧﮯ ﺟﺎﺭﯼ ﮨﻮﻧﮯ ﮐﯽ
ﺻﻮﺭﺕ ﻣﯿﮟ ﮨﻮﭨﻞ ﻣﯿﮟ ﮐﮭﺎﻧﮯ ﭘﯿﻨﮯ ﮐﯽ ﺗﺮﮐﯿﺐ ﻧﮩﯿﮟ ﮐﺮﻧﯽ ﭼﺎﮨﺌﮯ۔

ज़कात के आसान मसाइल

*ज़कात के आसान मसाइल*

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*सवाल- जकात के लुगवी मानी क्या हैं ?*
जवाब- पाकी, बडोतरी
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*सवाल- जकात की शरई तारीफ.?*
जवाब- मखसूस माल का मखसूस शराइत के साथ. किसी
जकात के मुस्तहिक को मालिक बनाना
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*सवाल-कितना सोना हो तो जकात फर्ज होती है?
*
जवाब- साढे सात तोला या उस से ज्यादा
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*सवाल-कितनी चांदी हो तो जकात फर्ज होती
है ?*
जवाब- साढ़े बावन तोले या उससे अधिक
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*सवाल - कितने रुपिये हो तो जकात फर्ज होती है *
जवाब- हाजते असलिया के इलावा साढ़े बावन तोले
चांदी की कीमत हो तो जकात फर्ज होती है
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*सवाल- हाजते असलिया के इलावा. कुछ सोना. कुछ
चांदी. कुछ नगद हो. और सबको मिलाने पर चांदी का
निसाब पूरा हो तो क्या जकात फर्ज होगी ? *
जवाब- जी हां
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*सवाल - क्या चरने वाले जानवरों की जकात फर्ज
है ? *
जवाब - जी हां
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*सवाल - क्या उशरी (बागायत) जमीन की पैदावार
पर भी जकात है ?*
जवाब - जी हां
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*सवाल - किसी साहिबे निसाब को दर्मियानी
साल 35000 की आमदनी हुई तो क्या ये रकम भी माले
निसाब मे शामिल होगी ?*
जवाब - जी हां
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*सवाल - इस्तिमाल वाले जेवरात पर जकात है या
नही ? *
जवाब - जी हां है
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*सवाल - जकात अंग्रेजी महीने के हिसाब से
निकाली जाये या कमरी (उर्दू)? *
जवाब - कमरी (उर्दू) महीने के हिसाब से
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*सवाल - बेचने की निय्यत से करीदे गये प्लॉट पर
जकात वाजिब होगी ? *
जवाब - जि हां वाजिब होगी
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*सवाल - प्लॉट खरीदते वक्त बेचने की निय्यत न थी.
बाद मे बेचने का इरादा हुवा तो उस पर जकात
वाजिब होगी या नही ? *
जवाब - जब बिक जाये तो वाजिब होगी
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*सवाल - जो प्लॉट मकान बनाने के लिये खरीदा
गया हो उस पर जकात है या नही ? *
जवाब - जी नहीं
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*सवाल जो मकान किराया पर दिया उसकी जकात
का क्या हुक्म है ? *
जवाब - उसका किराया निसाब को पहूंचे तो उसकी
जकात वाजिब होगी
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*सवाल - किसी को बताये बगैर उसे जकात दें तो
जकात अदा होगी या नही ? *
जवाब - अदा हो जायेगी
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*सवाल- मुलाज़िम ने इजाफी तनखॉह मांगी.
मालिक ने जकात की निय्यत से इजाफा किया तो
क्या मालिक की जकात अदा होगी ? *
जवाब - जकात अदा न होगी
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*सवाल - इनकम टॅक्स देने से जकात अदा होगी ? *
जवाब - जी नहीं
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*सवाल - क्या अपने मां बाप, बेटा बेटी को या
शोहर बीवी एक दुसरे को जकात दे सकते हैं ? *
जकात - जी नहीं
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*सवाल - साहीबे निसाब को जकात देने से जकात
अदा होगी ? *
जवाब - नहीं
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*सवाल - भाई बहन चचा भतीजे मामू भांजे खाला
को जकात देना कैसा ? *
जवाब - जाईज व बेहतर
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*सवाल - किसको जकात नही दे सकते? *
जवाब - हुजूर अलैहिस्सलाम के खानदान (हाशमी
हजरात) को जकात नही दे सकते. इसी तरह जो हजरते
अली, हजरते अक़ील, हजरते जाफर, हजरते अब्बास और
हारिस बिन अब्दुल मुत्तलिब की नस्ल से हो उसे जकात
नही दे सकते
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*सवाल - अगर सय्यद (बज़ाहिर) गरीब और जरूरतमंद हो
तो उनकी खिदमत कैसे करें? *
जवाब - तोहफे और हदिया के जरीये (सय्यदों को
जकात सदका न दें. और कोई सय्यद हरग़िज जकात सदका
न लें)
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*सवाल - सय्यदों को जकात क्यों नही दी जाती? *
जवाब - वो आली नसब हैं और जकात माल का मैल
होता है
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*सवाल - मालदार बीवी का शोहर दूसरे से जकात ले
सकता है या नही? *
जवाब - ले सकता है
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*सवाल - गैर मुस्लिम को जकात दे सकते हैं? *
जवाब - नही
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*सवाल - दीनी मदरसों मे जकात देना जाइज है या
नही? *
जवाब - जाइज व बेहतर है
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*सवाल - साहिबे निसाब लोग खुद को मोहताज
जाहिर करके जकात वसुलते हैं उन पर क्या हुक्म है ? *
जवाब - उनको जकात लेना हराम है
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*सवाल- बारिश के पानी से सैराब जमीन की
पैदावार पर कितना हिस्सा अल्लाह की राह मे देना
वाजिब है ? इसी तरह खूद सैराब की हुई जमीन की
पैदावार पर कितना कितना हिस्सा वाजिब है ? *
जवाब - बारिश के पानी की पैदावार पर दसवां
हिस्सा.यानी दस पर एक किलो
और खुद सैराब की गई जमीन की पैदावार पर बीसवां
हिस्सा यानी बिस किलो पर एक किलो
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सवाल* इसी पैदावार के पैसे की ज़कात भी देनी
पड़ेगी
जवाब*नहीं फिर ज़कात देनी की ज़रुरत नहीं
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*सवाल - हाजते असलिया किसे कहते हैं.? *
जवाब - रिहाइशी मकान, पहनने के कपडे, घर का जरूरी
सामान, खाने पीने की अशिया, सवारी, आलिम
की किताब