Wednesday 25 April 2018

*अल्लाह नाराज हो तो क्या होता है?*

*अल्लाह नाराज हो तो क्या होता है?*

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बहुत सोचने और डरने वाली बाते, देखे कही हम तो
इनमे शामिल नही-: महसूस और ना महसूस होने
वाली सजाए
किसी तालिब इल्म ने अपने उस्ताद से कहा- हम
कितने गुनाह करते है ना और अल्लाह हमे सजा
नही देता !
उस्ताद मोहतरम ने फौरन जवाब दिया -> ये भी
सजा है के अल्लाह हमे सजाए देता है और हमे महसूस
नही होता !
●तुम्हारी दिल की सख्ती और आंसू का खुश्क
हो जाना
क्या इस बात की गवाही नही के अल्लाह
तआला तुम से नाराज है? ?
●नेक सालेह आमाल की तरफ कदम बढाने मे
काहिली
क्या इस बात की गवाही नही है कि अल्लाह
तआला तुमसे नाराज है? ?
● तुम्हे कुरान करीम की तिलावत छोडे जो हफ्ते
और महीने बीत जाते है क्या इस बात की
गवाही नही के अल्लाह तुमसे नाराज है? ?
● कितनी बार ये आयात तुम्हारी नजरो से
गुजरने के बाद भी तुम अंजान बने रहते हो? ?
" अगर ये कुरान हम किसी पहाड पर नाजिल
फरमाते तो वो अल्लाह के खौफ से रेजा रेजा
हो जाता" कितनी तवील राते तुम्हारी
जिंदगी मे गुजरती रही लेकिन कयामुल्लैल की
नवाफिल से महरूम रहना क्या इस बात की
गवाही नही के अल्लाह तआला तुमसे नाराज
है? ?
● कितने खैर व बरकत के मौके तुम्हारी जिंदगी मे
आए
{रमजान, ईद, जुल हज्ज} तुम्हारे गफलत और गुनाहो
के दलदल मे गर्क रहना क्या इस बात की गवाही
नही है कि अल्लाह तआला तुमसे नाराज है??
● जिंदगी मे तालीम व तफसीर कुरान सिखने के
बेहतरीन मौके आए लेकिन उसे नजरअंदाज करके, तुम
दुनियावी लज्जतो मे खोये रहे क्या ये इस बात
की गवाही नही है कि अल्लाह तआला तुमसे
नाराज है??
● क्या इससे भी बडी कोई सजा हो सकती है?
●नेक अमल तुम्हे बोझ जैसा क्यू महसूस होता है?
●अल्लाह तआला का जिक्र करते हुए जुबान क्यू
लडखडाने लगती है?
● अपनी शैतानी नफ्सीयात के सामने तुम
कमजोर क्यू हो पड हो?
● दुनियावी चकाचौंध रोशनीयो को देखकर
तुम्हारा दिल क्यू तडपने लगता है?
● क्या तुम दुनिया, पेसे और इज्जत व शोहरत के
गुरूर मे मुब्तिला नही हो?
● भला इससे बड के कोई सजा हो सकती है?
● अल्लाह तआला ने तुम्हे अपनी गलतीया
भुलाकर दुसरो की ऐब जोई, झूठी और बोहतान
तराशी मे मशरूफ कर दिया।
● आखिरत भुलाकर तुम्हारी सबसे बडी तमन्ना
दुनिया और उसे हासिल करना बना दिया।
● क्या ये भी सजा की एक शक्ल नही है?
● बेटा, अल्लाह से डरो !
● अल्लाह तआला की तरफ से सबसे छोटी सजा
माल औलाद और सेहत मे होती है। लेकिन सबसे
बडी सजा गैर महसूस होती है?
● उसे सिर्फ मोमिन ही अपने दिल के हाल
तब्दील होने पर पहचानता है।
*●अल्लाह से मगफिरत और आफियत तलब करो।
अल्लाह तआला मुझे आप लोगो को तौबा करने
की तौफीक अता फरमाए आमीन*




मुज़म्मिल तजम्मुल हुसैन घौरी साहब
की वाल से